श्री दीपनारायण महाप्रभु जी पद बिरहनी भजन संग्रह || Shree deepnarayanmahaprabhu ji bhajan sangrah|| Shree Deepnarayan Mahaprabhuji Bhajans collection.#गजेंद्रगौतम #GajendraGautam
श्री देवपुरी जी महाराज के भजन
#deepnarayanmahaprabhuji
#shreedeepnarayanmahaprabhuji
श्री दीपनारायण महाप्रभु जी भजन
भजन लिस्ट :
1. मनवा धीरे धीरे चाल गगन घर जाना रे भाई ||
2.
श्री दीपनारायण महाप्रभु जी भजन
1. मनवा धीरे धीरे चाल गगन घर जाना रे भाई ||
2. क्या तुम धुनि तो सुलगावे l
3. काया ने सिनगार कोयलिया पर मण्डली मत जाइजो रे l
हेली भजन:
4. आगम दिशा ने हेली चालनो ।
5. सुरत लागी श्याम स्यु हेली भजन l
6 सीता राम सीता राम सीता राम कहिए l
7 वचन वालो लागे सा में ही जानू l
8 गुरुवर में चालु सा उन देश l
9 साधो भाई हरदम हरिगुण गाया l
10 मन राम नाम को भज र ।
11 मना र तू जन्म गमावेला हाथो।
12 श्री दीप निरंजन सब दुख भजन l
13 Gurudev Bina Kaaraj Naai sare ||गुरुदेव बिना कारज नाइ सरे ||
गुरुदेव बिना कारज नांय सरे, कोटि उपाय करे कोई चाहे
ना भव सिन्धु तिरे ।।टेर।।
गंगा जावो काशी जावो, चारों धाम फिरे
बन वैरागी उदासी अज्ञानी, दारा धन बिसरे ।।१।।
भूतां ने तो शीश निवावे, भाटां भेट धरे
पापी निंवे नहीं सतगुरु आगे, कष्ट अनेक भरे ।।२।।
व्रत उपवास करे बहुतेरा, भोंदू भूख मरे
बिना ज्ञान होवे नहीं मुक्ति, कहत सन्त सगरे ।।३।।
श्री स्वामी दीप कहे गुरु चरणा कमल में, तन मन अर्प धरे
शरण परायण हो जावे सो, निरबन्धन होये विचरे ।।४।।
14 Hua Gurudev Ka Darshan Milana Hio to Esa ho ||
हुआ गुरुदेव का दर्शन, मिलाना होतो ऐसा हो ।
शरण में जा रहा उनकी, जगाना होतो ऐसा हो ।।टेर।।
हृदय पट खोल कर देखो, हंस वहां केल करता है ।
समुन्दर है बड़ा भारी, तिराना होतो ऐसा हो ।।१।।
हीरों का रंग है न्यारा, लखे कोई संत जन प्यारा ।
धुनि का ध्यान है भारी, घराना होतो ऐसा हो ।।२।।
बाग की शोभा है भारी, होत वहां पुष्प गुलजारी ।
सींचती है सुरत प्यारी, सिंचाना हो तो ऐसा हो ।।३।।
केवल कर ब्रह्म से यारी, दिवाना देखले सारी ।
शब्द वहां गूंजता भारी, गुंजाना होतो ऐसा हो ।।४।।
निरंतर देखलो ऐसा, ब्रह्म की जोत है भारी ।
रमे वहां आप अविनाशी, रमाना होतो ऐसा हो ।।५।।
अगम की खुल रही बारी, भ्रम की टूट गई तारी ।
समझ कर देखले लाला, अखंडी हो तो ऐसा हो ।।६।।
मिला गुरु देवपुरी पूरा, निजानन्द झिल मिले नूरा ।
दीप अब देखलो दिपता, दिवाना होतो ऐसा हो । ।७।।
Aj Sakhi Me Kahu Kisko https://youtu.be/XsVX3xTgFyI
आज सखी में कहूँ किसको, मेरे पिया संबंधी बातड़ली ।
सुख सेजां में आनन्द हो रया, हाली, बीत गई सब रातड़ली ।।टेर।।
सुख बोध स्वरूप अनूप भूप वहाँ से लग रही मेरी आंखड़ली ।
मन भरिया श्याम मिला मुझको, ज्यां से लग रही गाढ़ी प्रीतड़ली ।।१।।
पीव हमारा मैं पिव के संग खुलगई भरम की गांठडली ।
और पुरुष मेरे नजर न आवे, कौन जगत है बापड़ली ।।२।।
उनमनी मौज कर मगन भई मिल रहा पिया भर बाथड़ली ।
रंग सेज तणी हद मौज बणी, ठनी है पिव व के सुख छातड़ली ।।३।।
मिल गया नाथ भल किया साथ, है एक हमारी जातड़ली ।
श्री दीप कहे सतगुरुवर की सेवा, भाज गई सब भ्रांतड़ली ।।४।।
Writer :- Gajendra Gautam bhajan (https://youtube.com/@gajendragautam) #gajendragautam
Comments